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केडी गेट पर चौड़ीकरण के नोटिस लेने से नागरिकों ने किया इनकार
केडी गेट से इमली चौक अंकपात रोड तक सड़क चौड़ीकरण के लिए नगर निगम के नोटिस लेने से नागरिकों ने इनकार कर दिया है। निगमकर्मियों को नागरिकों ने कहा है कि वे आपस में मीटिंग कर चौड़ीकरण के बारे में फैसला करेंगे, इसके बाद निगम अधिकारियों से चर्चा करेंगे। इधर, चौड़ीकरण के लिए भवन स्वामियों को एफएआर की जगह मुआवजा राशि देने की मांग ने भी जोर पकड़ लिया है। सोमवार को निगम के बजट सम्मेलन में भी यह मुद्दा उठने की संभावना है।
निगम महाकाल सवारी मार्ग और केडी गेट से इमली चौराहा अंकपात तक सड़क चौड़ीकरण करने की तैयारी कर रहा है। निगम की योजना में जिन भवनों की जमीन चौड़ीकरण में ली जाएगी, उन्हें ऊपर भवन बनाने के लिए अनुमति दी जाएगी। निगम ली गई जमीन का मुआवजा नहीं देगा। रविवार को जोन एक और दो के कर्मचारी नोटिस लेकर पहुंचे थे। उन्हें देख केडी गेट पर लोग जमा हो गए। उन्होंने नोटिस लेने से इनकार कर दिया। नागरिक चौड़ीकरण को लेकर आपस में बैठक करेंगे। इसके बाद निगम अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी। चौड़ीकरण का काम देख रहे निगम के उपयंत्री मनोज राजवानी और गोपाल बोयत के अनुसार अब सोमवार को फिर नोटिस देने का काम शुरू किया जाएगा। नागरिकों से बातचीत की जाएगी।
पार्षद ने आयुक्त को ज्ञापन सौंपा
केडीगेट से अंकपात मार्ग चौड़ीकरण को लेकर पार्षद सपना सांखला ने नागरिकों के साथ निगमायुक्त आशीष सिंह को ज्ञापन देकर मुआवजा राशि की मांग की है। सांखला के अनुसार नागरिकों ने एफएआर (फ्लोर अंगेस्ट रूफ) को एकमत से खारिज कर दिया है। इस मार्ग पर चार जैन मंदिर, तीन मस्जिद और 14 अन्य मंदिर हैं। भवन स्वामियों को मुआवजा राशि दी जाना चाहिए जिससे वे अपने भवन का फिर से निर्माण कर सकें।पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने भी नगर निगम से भवन स्वामियों को मुआवजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि बिना मुआवजा जमीन लेना अन्याय है।